अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

maaOna JaIla Aaja kunamaunaa[-

maaOna JaIla Aaja kunamaunaa[-
lahraoM nao baaMsaurI bajaa[-.

tT ko SaOvaalaaoM nao Aaja
taoD,I hO GaMUGaT kI laaja
mauKr hue Anakho AnaubaMQa
maaOna hue lahraoM ko saaja.

stMiBat baahaoM ko Gaoro maoM
caMdna?saI doh ksamasaa[-.
maaOna JaIla Aaja kunamaunaa[-..

yao }McaI pva-t maalaaeM
paor?paor AMtr bahlaaeM
GaaiTyaaoM maoM doh gaMQa bahkI
mahkI hOM p`strI iSalaayaoM

ihmaigair ko AaMcala maoM sairta nao
laI hO ifr maadk AMgaD,a[-.
maaOna JaIla Aaja kunamaunaa[-..

AMiQayaaro naagapaSa vaalao
AailaMgana baahu paSa Dalao
Aalhaidt AQar maaOna baaMQao
Ainayaaro naOna jaala Dalao

AnajaanaI ]r baoQaI pID,a kI
ifr saao[- pIr ksak Aa[-.
maaOna JaIla Aaja kunamaunaa[-..

?]maaSaMkr vamaa- 'saaihla'

p`Iit svayaM mausaka[- haotI


]r?p`dIp maoM naoh vait-ka
tuma nao Agar jalaa[- haotI
jagatI Qanya Qanya hao jaatI
p`Iit svayaM mauska[- haotI.

$p salaaOnaa laK?laK maOMnao
tna?mana saba kuC dana kr idyaa
AMtsa?rIta ilae ifra pr
maQau dokr ivaYapana kr ilayaa
naoh sauQaa kI ek baMUd BaI
tumanao yaid Zulaka[- haotI.
jagatI Qanya Qanya hao jaatI
p`Iit svayaM mausaka[- haotI..

haya )dya ma?ala?saa saUnaa
saba JaUzo AnaubaMQa hao gae
Apnaopna kI Ba`aMit BaMvar maoM
saarhIna saMbaMQa hao gae
ma?ala ko saUnao p`aMtr maoM
pavasa JaD,I lagaa[- haotI.
jagatI Qanya Qanya hao jaatI
p`Iit svayaM mauska[- haotI..

snaoh?sauriBa ko AakYa-Na maoM
maOMnao inaja mana kao bahlaayaa
maRgatRYNaa?Qaavana maoM @yaa qaa
Kaoyaa hI pr rMca na payaa
]r?]pvana ptJar maoM tumanao
p`Iit CTa ibaKra[- haotI.
jagatI Qanya Qanya hao jaatI
p`Iit svayaM mauska[- haotI..

?Da^? ba`jamaaohna paMDoya 'ivanaIt'

 

 


9 maaca- 2005

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter