अनुभूति में
सत्येन्द्र कुमार अग्रवाल की
रचनाएँ -
छंदमुक्त में-
आँसू
न जाने वह कौन है
रुक जाओ अब इनसान
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न जाने वो कौन है
न जाने वो कहाँ है
वो मेरे अक्षरों की आवाज़
मेरी कविता की कहानी
न जाने वो कहाँ है
मैं हर वक़्त उससे अनजाने मैं ही मिलता हूँ
हर पन्ने पे उसी की कहानी लिखता हूँ
फिर भी वो मेरे करीब नहीं
ये सवाल कि वो कौन है जो मेरा है
पर फिर भी मेरा नहीं
मैं नहीं जानता वो है कौन
पर फिर भी जो भी है
जहाँ भी है
वही है मेरी पंक्तियों की प्रेरणा
मेरे शब्दों की संवेदना
मेरी हर रचना उसी का अहसास
मेरा दिल उस फरिश्ते से अनजान
गुमशुदा की तलाश में नहीं
बस उसके दिल के हर लम्हे को
शब्दो की आवाज़ मैं पेश करने का प्रयास
उसी की यादों में जीता हूँ
उसी को लिखता हूँ
वो जो भी है.
हमेशा मेरे करीब है
वो हमेशा अंज़ान था और है।
उसका दिल और उसकी आवाज़ मेरी
कविता और शब्दों के करीब है
ना जाने वो कौन है
ना जाने वो कहाँ है
वो मेरी अक्षरों की आवाज़
मेरी कविता की कहानी
ना जाने वो कहाँ है
२६ अक्तूबर २००९
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