अनुभूति में जगदीश जोशी 'साधक'
की रचनाएँ-
देख कर यह हौसला
आदमी का आचरण
जहाँ में किसी का सहारा
ये भी हसरत
मिलता नहीं है
मुश्किलों से
हमको जीना
हवा के झोंके
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मुश्किलों से
मुश्किलों से मुकाबला कर ले
जिंदगानी का सामना कर ले
ऐब औरों में देखने वाले
अपने आगे भी आइना कर ले
नाव मुश्किल से पार लगती है
नाखुदा गर जो किनारा कर ले
आरजू दिल की पूरी होती है
तू खुदा से तो इल्तिजा कर ले
हाल दिल का बता दिया हमने
सोच ले और फैसला कर ले
८ अगस्त २००३ |