अनुभूति में
रुचि राजपुरोहित तितिक्षा
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संघर्ष
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संघर्ष
जीवन संघर्ष है हर्ष है,
संघर्ष को देख हर्षोल्लास
बना रहा नया आकाश,
इस संघर्ष को धरती
भी कहती है अविनाश,
उस चुनौती को स्वीकार करो
कल की कमी का सुधार करो
पल-पल इम्तहान होगा
आगे संघर्ष का मैदान होगा,
अगर नींद चैन छोड़कर
खरे उतरोगे तुम तो यह काज
चरित्र महान होगा
आज नहीं तो कल यह
तुम्हारा जहान होगा!!
७ जुलाई २००८
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