नयी शुरुआत
ज़िन्दगी का हर पल एक नयी शुरुआत
है
हर लम्हे में होती कुछ नयी बात है
समझे इस पहेली को जो पाता है जीत
पर जिसने ना जाना होती उसी की हर है!
क्यूँ नहीं हम दुखों को हसकर अपनाते हैं
मुश्किल को समझने से पहले ही घबराते हैं!
गर मनो तो फर्क है सिर्फ नज़रिए का
वर्ना बिन काटों के गुलाब से कौन करता प्यार है
सपनो की दुनिया में यहाँ सभी रहते हैं
और शुरुआत का पहला कदम उठाने से भी डरते हैं
पर सच्ची लगन और सही शुरुआत ही
ले जाती सदा समुन्दर के भी पार है!
११ जून २०१२
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