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अनुभूति में टीकमचंद ढोडरिया की रचनाएँ-

गीतों में-
ऊँचा पेड़ खजूर का
प्रिय तुम्हारी बात
मुखर हो गया मौन
मन को हरा रखे
रिमझिम बरसे

कुंडलिया में-
नवल प्रभात

  प्रिय तुम्हारी बात

शहद घुली प्रेम पगी
प्रिय तुम्हारी बात

आतप उर को आस बँधाती
नव जीवन की चाह जगाती
कुम्हलाये पौधे पर
बरसती बरसात
प्रिय तुम्हारी बात

नीरव वन में धुन बंशी की
सूने मन में किरण हँसी की
रेतीले टीलों पर
गुनगुनाती रात
प्रिय तुम्हारी बात

१९ जनवरी २०१५

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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