अनुभूति में
डॉ. शिवजी
श्रीवास्तव
की रचनाएँ-
अंजुमन में-
टी वी वाले
ध्वज आरोहण
व्यस्तता
हर तरफ व्यवधान है
हर दिशा में |
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ध्वज आरोहण
ध्वज-आरोहण,भाषण,ताली
फिर पण्डाल हो गये खाली
आज़ादी की वर्षगांठ थी
जैसी मनती रही, मना ली
यह कैसा उत्सव था भाई
पूछ रहे दो चार सवाली
सावन के ठेकेदारों ने
गिरवी सब रख दी हरियाली
सूत्रधार उदघोष कर रहे
मित्र सफ़लता हमने पा ली
कुछ पागल से लोग खडे क्यों
रंगमंच को देते गाली
हमने भी इक गज़ल सुना के
रस्म अदा की छुट्टी पा ली
१ सितंबर २०२२
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