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अनुभूति में रजनी मोरवाल की रचनाएँ-

गीतों में-
आँधियाँ चलने लगीं हैं
कौन समझ पाया है
ज़िन्दगी का मोल
राह कठिन है जीवन की
रिश्तों का आधार

 

राह कठिन है जीवन की

राह कठिन है
जीवन की पर हार नहीं मानी है
पर्वत-सी ऊँची मंज़िल पर
चढ़ने की ठानी है

पीड़ा का अंबार लगा
ज्यों लहरों की टोली है
सागर के तट पर जा बरसी
टीस मुई भोली है
जीवन नौका गोता खाए
अंतहीन पानी है

देह किरचती शीशे जैसी
व्याकुल हैं इच्छाएँ
प्राणों में निष्ठुर आशाएँ
हरदम आग लगाएँ
अन्तर में साँसों के फेरे
मौन हुई वाणी है

सन्नाटे हैं बिखरे पथ पर
काँटो का घेरा है
चंदनवन में ज्यों विषपायी
सर्पों का डेरा है
यादें मन को हरती हैं पर
दु:ख से बेगानी हैं 

२२ जुलाई २०१३

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