अनुभूति में
मधु भारतीय की रचनाएँ-
गीतों में-
कुहरे ढँकी किरण वधु
तुम नहीं आए
दुग्ध धवल केशों में
हरे भरे तट छोड़
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तुम नहीं आए
तड़पती सौदामिनी
आकाश में
पर तुम नहीं आए!
मेघ झुक आए नदी पर
उमंगित पुरवा
निपटतीं पुष्पित लताएँ
हँस रहे घरवा
गा उठी सन्यासिनी
उल्लास में
पर तुम नहीं आए!
इंद्रधनुषी दृष्टि, छुअनें
जागती तन में
मोरपंखी कामनाएँ
नाचतीं मन में
प्रेम डूबी रागिनी
हर साँस में
पर तुम नहीं आए!
पड़ गए अमराइयों में
सावनी झूले
झूलती वे नारियां
जिनको न पी भूले!
हो गई उन्मादिनी
प्रिय आस में
पर तुम नहीं आए!
२६ जुलाई २०१०
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