अनुभूति में
देवेंद्र
कुमार
की रचनाएँ-
गीतों में-
अँधेरे की व्यथा
एक पेड़ चाँदनी
चाँदी के तार
बौरों के दिन
धूप में
यह अकाल इंद्रधनुष
यह अगहन की शाम
हमको भी आता है
हम ठहरे गाँव के
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यह अगहन की शाम
यह अगहन की शाम
सुबह-सुबह का सूर्य सिन्होरा
सोना, ईगुर, घाम
सोलह डैनों वाली चिड़िया
रंगारंग फूलों की गुड़िया
कहीं बैठ कर लिखती होगी
चिट्ठी मेरे नाम
देव उठाती, सगुन पठाती
रात जलाती घी की बाती
दोनों हाथ दूर से झुककर
करती चाँद-प्रणाम
सुनो-सुनो खेतों की रानी
तालों में घुटनों भर पानी
लम्बी रात खड़ी कुहरे में
खिड़की पल्ले थाम
६ फरवरी २०१२
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