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अनुभूति में सुदामा पांडेय 'धूमिल' की रचनाएँ-

कविताओं में--
किस्सा जनतंत्र
खेवली
गाँव
घर में वापसी
चुनाव
दिनचर्या
नगरकथा
प्रस्ताव
भूख
मैमन सिंह
मोचीराम
लोहसाँय
सिलसिला

 

चुनाव

यह आखिरी भ्रम है
दस्ते पर हाथ फेरते हुए मैंने कहा
तब तक इसी तरह
बातों में चलते रहो
इसके बाद...
वादों की दुनिया में
धोखा खाने के लिए
कुछ भी नहीं होगा
और कल जब भाषा...
भूख का हाथ छुड़ाकर
चमत्कारों की ओर वापस चली जाएगी
मैं तुम्हें बातों से उठाकर
आँतों में फेंक दूँगा
वहाँ तुम...
किसी सही शब्द की बगल में
कविता का समकालीन बनकर
खड़े रहना
दस्ते पर हाथ फेरते हुए
मैंने चाकू से कहा

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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