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एक छोटी कविता

शांति ढूँढी, अशांति की डगर में।
दिवस पाया,  रात्रि  के गह्वर में।
सुंदरता मिली, एकांत बीहड़ पथ में।
जीवन तलाशा, मृत्यु-देव के घर में।
गँवाने का ग़म,  पाने की खुशी
मचलते रहे,  जद्दोजेहद के सुर में।

1 जुलाई 2007

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