अनुभूति में ऋचा जैन की रचनाएँ —
बाल कविताओं में- आओ गिने आओ जी जाओ जी पक्षी बोले बंदर सूरज चाँद तारे और जुगनू
सूरज, चाँद, तारे और जुगनू सुबह सवेरे सूरज आता आकर रोज़ मुझे जगाता शाम को आते टिम-टिम तारे मुझको लगते हैं वे प्यारे रात हुई तो चाँद है आता मीठी-मीठी नींद है लाता जगमग जुगनू नींद में आते सुंदर सपने मुझे दिखाते
१ जून २०२२
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