अनुभूति में
डॉ सुभाष राय की
रचनाएँ -
छंदमुक्त में-
उड़ान
तलाश
मेरा परिचय
शब्द
सोनचिरैया
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तलाश
मौसम साफ होने पर
कोई भी बाढ़ के खिलाफ
पोस्टर लगा सकता है
बिजली को गालियाँ
बक सकता है
तूफान के खिलाफ
दीवारों पर नारे
लिख सकता है
जब हवा शीतल हो
धूप मीठी हो
कोई भी क्रांति की
कहानियाँ सुना सकता है
लेनिन और माओ की
तस्वीरें टाँग सकता है
घर की दीवारों पर
लेकिन जब मौसम बिगड़ता है
गिने-चुने लोग ही
घर से बाहर निकलते हैं
बिजलियों की गरज से बेखबर
बाढ़ के खिलाफ
बाँध की तरह
बिछ जाने के लिए
ऐसे कितने लोग हैं
धरती उन्हें
चूमना चाहती है प्यार से
२६ अप्रैल २०१० |