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अनुभूति में क्षिप्रा वर्मा की रचनाएँ

तीन छोटी कविताएँ
तुम कौन
ग़ज़ल न गीत

 

तुम कौन

तुम कौन हो मेरे!
कोई भी नहीं-
मगर तुम सिर्फ़ एक,
अजनबी भी नहीं!!

कई बार हुई हैं
मुलाक़ातें-
अक्सर हो गई तुझसे
दो चार बातें!!

मगर तुम मेरे,
कोई भी नहीं-
तुम ख़्वाब नहीं,
सच भी तुम नही!!

तुम कौन हो मेरे!
कोई भी नहीं-
मगर तुम सिर्फ़ एक,
अजनबी भी नहीं!!

9 अक्तूबर 2007

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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