अनुभूति में संजीव बख़्शी की रचनाएँ-
कविताओं में-
चमकीली आँखों वाली मछली
यह देखिए यह देखिए
लक्खा लक्खा
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लक्खा लक्खा
लक्खा
को पूछिए उसकी उम्र
अपनी उम्र वह किलोमीटर में बताता है
लक्खा
जब होता है अपने घर
अपनी उम्र भूल जाता है
ट्रक से उतरते ही
पुकारता है ट्रक
लक्खा लक्खा
पलटकर जाता है वह ट्रक के पास हर बार
बोनट को छूता है, हल्की-सी थपकी देता है
9 अक्तूबर 2007
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