हत्या का
रहस्यखुल जाएगा
हत्या का रहस्य
सोकर उठने से पहले
निर्मल शीतल जल से
मिटा देंगी कविताएँ स्वयं
पराजय के सारे अवशेष
अपमानित चेहरों पर
चमकेगी
स्वाभिमान की धूप
सोकर उठने से पहले
शांत हो जाएगा
कोलाहल
सोकर उठने के बाद
मेरे साथ होगी
पिघली हुई बर्फ़
निकली हुई धूप
निरभ्र आकाश में
पक्षियों की उन्मुक्त उड़ान
सोकर उठने के बाद
१६ जनवरी २००७