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अनुभूति में प्रवीण चंद्र शर्मा की रचनाएँ

छंदमुक्त में-
झील के ठहरे जल से
थोड़ी देर
न ययौ न तस्थौ
प्रार्थना
शेषयात्रा
स्पंदन
हत्या का रहस्

 

 

हत्या का रहस्य

खुल जाएगा
हत्या का रहस्य
सोकर उठने से पहले

निर्मल शीतल जल से
मिटा देंगी कविताएँ स्वयं
पराजय के सारे अवशेष

अपमानित चेहरों पर
चमकेगी
स्वाभिमान की धूप
सोकर उठने से पहले

शांत हो जाएगा
कोलाहल
सोकर उठने के बाद

मेरे साथ होगी
पिघली हुई बर्फ़
निकली हुई धूप
निरभ्र आकाश में
पक्षियों की उन्मुक्त उड़ान
सोकर उठने के बाद

१६ जनवरी २००७

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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