अनुभूति में
नरेन्द्र व्यास की रचनाएँ-
छोटी कविताएँ-
सिर्फ एक विचार,
पाळसिया, आह ठंडी राह, चाँद
छंदमुक्त में-
अक्स को अपने
तुम हो तो
तुम्हारी उदासी
क्षितिज के उस पार
एक क्षणिका |
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तुम्हारी उदासी
तुम्हारी उदासी
पलकों की
पौरों से निकल
उतर आई है
मेरी ही
आँखों के रस्ते
झुकी नज़रों तक
तुम्हारी
झील आज
बहुत उदास है
आकाश बह निकला
डबडबाई आँखों से
नीला रंग
ढलक गया
सुर्ख गालों पे
चाँद को धोकर,
आँसुओ में
नहाया चाँद
डूबा है अब भी
डबडबाई
झील में
२१ फरवरी २०११ |