अनुभूति में
मीता दास की रचनाएँ
नई रचनाओं में-
किरकिरी
जिंदगी
पूरो
यौवन
छंदमुक्त में-
घड़ी
देखो इस तरह भी
प्रकृति प्रेम
फसलों के बहाने
मृत्यु
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मृत्यु
मृत्यु कौन मरा, कैसे मरा
नहीं मालूम
भूख हड़ताल कर नहीं मरे वो
वे मरे
पुलिस की गोली में
कुछ लाठी चार्ज एवं कुछ
भीड़ की भगदड़ में
माइक में गला फाड़ कर
चिल्ला रहा जनता का प्रतिनिधि
हिन्दू को जलाएँगे , मुसलमान को दफनाएँगे
इस पर इन्क्वारी बैठी है
शरीर का मुआयेना कर रही है
जान रही है
सड़ते, गलते लाशों के कपड़े उतार कर
हिन्दू मुसलमान का भेद
२० अगस्त २०१२
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