अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

AnauBaUit maoM maaQavaI gauPta kI 
rcanaaeM—

Apnaa yaa baogaanaa
AakRit
tumharo imalanao tk
puranaa makana
maaM
vah AadmaI

  maaM

kla maOM jaba BaID, BarI saD,kaoM sao
haokr gauja,r rhI qaI AaOr
kr rhI qaI yaad
Apnaa bacapnaŃ
tao ek QaMuQalaI saI AakRit ]BarI
AaMKaoM ko saamanao –
maaM AaOr maaM ka haqa qaamaoM maOM.
AroŃ yao tao nanhIM saI baccaI idKtI maOM¸
jaao KuSa¸ bahut KuSa.
]sa baccaI ko haqa maoM
isaf- sapnao qao
pr vaao bahut KuSa qaI.
maoro haqaaoM maoM sapnaaoM ka yaqaaqa- hO
ifr BaI maOM duKIŃ
eosaa @yaaoMĆ
AaohŃ
Aba maaM ka haqa jaao
nahIM rha haqaaoM maoM.
vaao tao dUr khIM iCTkr
mauJasao calaI ga[-¸
]na taraoM ko pasa
AaOr imalanao AatI mauJasao
hr rat kao iTmaiTmaato huyao
]na taraoM ko saaqa.

 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter