अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

AnauBaUit maoM maaQavaI gauPta kI 
rcanaaeM—

Apnaa yaa baogaanaa
AakRit
tumharo imalanao tk
puranaa makana
maaM
vah AadmaI


  Apnaa yaa baogaanaa

jaba BaI vah jaIvana yaa~a sao qako
maoro paMva ko ja#maaoM kao
Apnao haqaaoM sao malahma lagaa kr
sahlaayaa krta qaa.
[saI daOrana vah
maoro idla kao caaho–Anacaaho
Anaok ja#ma do jaayaa krta qaa.

vah qaa tao maora Ait ip`ya
[sailayao ]saka foMka fUla BaI
mauJao p%qar sao BaI jyaada
Gaayala kr jaayaa krta qaa.

na jaanao kaOna sao tar jauD,o qao
]sako AaOr maoro )dya ko baIca
ijasao vah Apnao AaMKaoM sao
JaMkRt kr jaayaa krta qaa.

ijaMdgaI kI khanaI BaI AjaIba haotI hO
k[- baar baogaanaaoM kao Apnaa banaa dotI hO
AaOr ApnaaoM kao baogaanaa.
pta nahIM vah
maora Apnaa qaa yaa baogaanaa.

 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter