अनुभूति में
डॉ. हरेंद्र सिंह नेगी की रचनाएँ
कविताओं में-
गधोत्सव
पानी की तेज़ धारा
उन्मादी
राजा और वजीर
तीन छोटी कविताएँ-
कवि प्यार करता है, घर और पहाड़
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राजा और वजीर
राजा
निर्दोष प्रजा पर
बर्बर अत्याचार का नाम है
मंत्री
प्रजा के साथ किए गए
विश्वासघात का नाम है
और रानी!
सोने के महल में सोने के वस्त्र पहने
मांस की गुड़िया है!
जिसे मर्यादा की सीमा में
मुस्कुराते रहना है
और राजा की हर ख्वाहिश को
पूरा करना है।
३ मार्च २००८
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