अनुभूति में डा अमिता दुबे की रचनाएँ —
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क्षणिकाओं में— महत्त्व वर्ष
क्षणिकाएँ
महत्त्व महत्त्व किसका? जिसके हाथ में हो ताकत, गुरबत, पैसा।
वर्ष लाये उल्लास छाए मधुमास किंचित परिहास गूँजे अट्टाहास
८ जून २००३
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