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अनुभूति में वीनस केसरी की रचनाएँ-

अंजुमन में-
क्या मिला है
दीवानों सी बातें
रात गर हूँ
हर समंदर
हम न पूछेंगे

 

दीवानों सी बातें

दीवानों सी बातें मत कर
इतनी सच्ची बातें मत कर 

शहर हुआ है दरहम - बरहम,
"कानों देखी" बातें मत कर

पल भर सुन ले औरों की भी,
हरदम अपनी बातें मत कर

सुबह का भूला शाम जो लौटे,
उससे बीती बातें मत कर

कल क्या हो, यह किसने देखा,
इतनी लंबी बातें मत कर

ठंढे चूल्हों की चौखट पर,
दूध मलाई बातें मत कर

याद आ जाता है फिर बचपन,
गाँव की सौंधी बातें मत कर

प्रेम गली में आ कर ' वीनस ',
सोची समझी बातें मत कर

२ मई २०११

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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