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अनुभूति में पूनम शुक्ला की रचनाएँ

अंजुमन में—
आपको इस कदर
चलते चलो
जवाब आते हैं
प्यार का आसमाँ
हर किसी में

 

आपको इस कदर

आपको इस कदर महरबाँ देखकर
डर गए हम ये उल्टा जहाँ देखकर

ठान कर हम चले ना डिगेंगे कदम
जब चले थम गए कारवाँ देखकर

जलजला भी दिखा छा गए मेघ भी
पर हवा हँस बही दिल जवाँ देखकर

शाम आई गई रोशनी गुम गई
रात थम ही गई कहकशाँ देखकर

तिश्नगी ने कहा धार कैसी है ये
खोज लाई अमी तू कहाँ देखकर

२६ जनवरी २०१५

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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