हम दिल से हैं हारे
अंधेरे में साये के साथ तुम्हारे
करते हैं बातें, हम दिल से हैं हारे
मिलते नहीं कभी, साये अंधेरे में
फिर भी कोशिश करते हैं, हम दिल से हैं हारे
तुम्हारी याद में, डूबा रहूँ हमेशा
अब तो सनम, तेरी यादों के सहारे
कभी न कभी, तुमसे मुलाक़ात होगी
फिर निकालेंगे दिल के, अरमान सारे
अभी हाल ये है, कि नींद नहीं आती
कभी मौत भी नहीं आएगी, बिन तुम्हारे
तमन्ना करूँ तो क्या करूँ, डर लगता है
टूटे हैं अब तक के, सभी ख़्वाब हमारे
दिल में आवाज़ आती है, तुम भी सुनो
दिल नहीं लगता है पर क्या कहें, दिल से हैं हारे
दूर रहकर हम और, क़रीब होते गए
फ़ासले और बढ़ते गए, बीच हमारे-तुम्हारे
पागलपन, दीवानगी, क्या है ये सब
दिए हुए तोहफ़े, हमारे पास हैं तुम्हारे
तुम दिल में रहते हो, हम क्या करें
आपका साथ मिला हमें, किस्मत के सहारे
किस्मत में क्या है, आगे हम न जानें
किस्मत ही घटाएगी अब दूरी, बीच की हमारे-तुम्हारे
9
दिसंबर 2007
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