ले चलता
हूँ मैं
चल तुझे बाजार ले चलता हूँ मैं
धार के उस पार ले चलता हूँ मैं
लोग पूछेंगे गली में क्या हुआ
आज का अखबार ले चलता हूँ मैं
खून के प्यासे मिलेंगे यार सुन
हाथ में तलवार ले चलता हूंँ मैं
कायरों के बीच रहता ही नहीं
आदमी दमदार ले चलता हूँ मैं
शहर जंगल बन न जाएँ इसलिए
काम के फनकार ले चलता हूँ मैं
मज़हबी माँगेंगे चन्दा राह भर
पाँच दस कलदार ले चलता हूँ मैं
"प्राण" निकलें तो निकलने दीजिए
मौत की सरकार ले चलता हूँ मैं
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