आग तो पी गया
आग पी तो गया अब पचा कर बता
और फिर ज़िन्दगी को बचा कर बता
दी गई है सभी को अगर नौकरी
तो कहाँ हूँ अरे यार चाकर बता
हाथ मेंहदी से रचना करिश्मा है क्या
नीम की पत्तियों से रचाकर बता
पेड़ पौधे झुकाना अलग बात थी
पत्थरों की अकड़ को लचाकर बता
उँगलियों पर नचाता रहा देश को
एक पुतली खुले में नचा कर बता
दूसरों को कुदाता मियाँ आग में
आज तू ये करिश्मा चचा कर बता
१ अप्रैल २०२३
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