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अभिव्यक्ति
२. ८. २०१०
अंजुमन । उपहार । काव्य संगम । गीत । गौरव ग्राम । गौरवग्रंथ । दोहे । पुराने अंक । संकलन । हाइकु अभिव्यक्ति । हास्य व्यंग्य । क्षणिकाएँ । दिशांतर । नवगीत की पाठशाला
दिन बरखा बिजुरी के
दिन बरखा-बिजुरी के ताल भरे कमल खिले रात सुना मेघराग दिन भर घर बदराया छत पर हर सांझ दिखा इन्द्रधनुष का साया बिरवे सब हरे हुए पीपल के पात हिले कमल-पात बूँद-बूँद सुख सहज सहेज रहे कजरी ने बदरा से उस सुख के हाल कहे बार-बार मेघराज बरगद से गले मिले भीज-भीज फूलों की पगडंडी हुई साँस धुली-धुली हवा भरे मन में मीठे हुलास ताप मिटे सारे ही नहीं रहे कोई गिले --कुमार रवींद्र
गीतों में-
कुमार रवींद्र के वर्षा गीत
अंजुमन में-
अमर ज्योति नदीम
छंदमुक्त में-
सुबोध श्रीवास्तव
हाइकु में-
संतोष कुमार सिंह
पुनर्पाठ में-
रमा द्विवेदी
अनुभूति का ३० अगस्त का अंक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेषांक होगा। इस अंक के लिये गीत, गजल, छंदमुक्त, दोहा, मुक्तक, हाइकु आदि विधाओं में श्रीकृष्ण से संबंधित रचनाएँ आमंत्रित हैं। रचना भेजने की अंतिम तिथि २० अगस्त है। पता इस पृष्ट पर ऊपर दिया गया है।
पिछले सप्ताह २६ जुलाई २०१० के अंक में
गीतों में- मधु भारतीय
अंजुमन में- प्रदीप कांत
छंदमुक्त में- रमणिका गुप्ता
दोहों में- ब्रजकिशोर शर्मा शैदी
पुनर्पाठ में- रवींद्र बतरा
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