प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 
पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति  २३. ६. २००८

अंजुमन उपहार कवि काव्य चर्चा काव्य संगम किशोर कोना गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे रचनाएँ भेजें
अभिव्यक्ति नई हवा पाठकनामापुराने अंक संकलनहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर समस्यापूर्ति

अब नहीं हो

हार, किस काँधे पे धर दूँ
जीत किस को भेंट कर दूँ
कोई तो अपना नहीं था
एक तुम थे, अब नही हो!

किस तरह राहत बनेगी
टूट जाने की हताशा
थक गई साँसों को देगा
कौन जीवन की दिलासा
बिस्तरों पर सिलवटें अब
नींद क्या, बस करवटें अब
रात ने ताने दिए तो
आँख में बस बात ये कि
कोई तो सपना नहीं था
एक तुम थे, अब नहीं हो!

किस हथेली की रेखाओं
का वरण मैंने किया है
किसका, क्षण भर प्यार पाने
को जनम मैंने लिया है
इस प्रश्न का हल मिला कल
हाँ वही रीता हुआ पल
जिसने मेरा गीत साधा
जो कहो, रत्ना या राधा
कोई तो इतना नहीं था
एक तुम थे, अब नहीं हो!

-अभिज्ञात

इस सप्ताह

पुनर्पाठ में-

अंजुमन में-

छंदमुक्त में-

मुक्तक में-

हाइकु में-

 

पिछले सप्ताह
१६ जून २००८ के अंक कचनार विशेषांक में

गीतों में-
पूर्णिमा वर्मन, महेंद्र भटनागर, गिरीश बिल्लौरे मुकुल, दीपिका जोशी संध्या

अंजुमन में-
राजेंद्र पासवान घायल, देवमणि पांडेय

छंदमुक्त में-
अलका सिन्हा, मृदुल कीर्ति, अविनाश वाचस्पति

हाइकु में-
भावना कुँअर

मुक्तक में-
पवन चंदन

अन्य पुराने अंक

अंजुमन उपहार कविकाव्य चर्चा काव्य संगम किशोर कोना गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे रचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलनहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें लिखें

 

Google

Search WWW  Search anubhuti-hindi.org
प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|- सहयोग : दीपिका जोशी
 
१००० से अधिक कवियों की १०,००० से अधिक कविताओं का संकलन
 
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९