अभिव्यक्ति
कृपया केवल नए पते पर पत्र व्यवहार करें

 

२४.  १.  २००७

शंकर केंदाले की कलाकृति

अनमने दिन

दिन बीते
रीते-रीते
    इन सूनी राहों पे

मिला न कोई राही
बना न कोई साथी
    वन सूखे चाहों के

याद न कोई आता
न मन को कोई भाता
    घेरे खाली हैं बाँहों के

कलप रहा है तन
जैसे भू-अगन
    दिन आए फिर कराहों के

—अनिल जनविजय

 

 

इस सप्ताह

छंदमुक्त में-
अनिल जनविजय

गीतों में-
जगदीश श्रीवास्तव

क्षणिकाओं में-
सजीवन मयंक

नई हवा में-
अमित‌ कुमार सिंह

पिछले अंकों से

इस माह के कवि में-
प्रवीण चंद्र शर्मा

दिशांतर में-
सुभाष काक

गीतों में-
डॉ आदित्य शुक्ल

हाइकु में-
गोविंद नारायण मिश्र

दोहों में-
डॉ राम सनेही लाल शर्मा 'यायावर'

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक माह की १–९–१६ तथा २४ तारीख को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें    लिखें

Google

 
Search WWW  Search anubhuti-hindi.org

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|- सहयोग : दीपिका जोशी