विजय पर्व
विश्वजाल पर दशहरे रचनाओं का अनूठा संग्रह

अनुक्रम    
       
आ गया पावन दशहरा सत्यनारायण सिंह  
कलियुगी रामलीला शास्त्री नित्यगोपाल कटारे  
कागज़ के रावण मत फूँको मनोहर सहदेव  
दशहरे के दोहे आचार्य संजीव सलिल  
फिर से राम चले वन पथ पर रामेश्वर दयाल कांबोज हिमांशु  
बहुत हो गया ऊँचा रावण गिरीश पंकज  
राम और रावण डॉ. अरुणप्रकाश अवस्थी
रावण के राज में पीयूष पाचक
विजयदशमी में सुरेश प्रकाश शुक्ल
१० स्वर्ण लंकाएँ ओम प्रकाश सिंह
११ स्वर्ण हिरण पूर्णिमा वर्मन