वसंत का आना
पेड़ों का खुशी से झूमना
ठंडी बयार का बहना
वसंत की दस्तक मात्र से
मौसम में रुनक झुनक आई
तन मन में मीठी पीर समाई
अजब-सी खुमारी आ गई
हवा भी नशीली हो गई
ये कैसा तुम्हारा जादू वसंत
तन मन दोनों बौराए
पलक झपकती नहीं
इंतज़ार अपने दीवाने का
ये आँखें करती हैं
सच कहती हूँ वसंत
तुम्हारा आना मन को
बहुत भाता है
तुम्हारे आने से
आँचल मेरा भर जाता है
अपार खुशियों से
९ फरवरी २००९ |