| 1अब संगीत जगेगा कोई
 रुखी सूखी शुष्क धरा पर
 कलिकाएँ हँस देंगी
 मन के नीले अम्बर पे
 प्रेम का पत्र लिखेगा कोई
 आया है वसंत सखि
 तरु-तरु पर तरुणाई ज्योंसोते से जग जाएगी
 डालों पर बैठी कोयल
 फिर मधुगीत सुनाएगी
 आया है वसंत सखि
 फूल अलस आँखें खोलेंगेभँवरे गुन गुन गाएँगे
 सरिता की लहरें हिल मिल
 कजली गाएगीं कोई
 आया है वसंत सखि
 यौवन उमंग जब मन कोचंचल कर जाएगी
 बुल बुल तरु की फुनगी से
 संदेश कोई लाएगी
 आया है वसंत सखि
 अंगडाई लेकर जैसेपुरवाई झूम जाएगी
 मौन पड़ी मन की वीणा पर
 राग कोई बजाएगी
 आया है वसंत सखि
 ९ फरवरी २००९ |