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(१)
विश्व में सबका फला विश्वास हो, ऐसा नहीं।
हर खुशी भावुक हृदय के पास हो, ऐसा नहीं।
उम्र का यह सफर जिसमें शीत, वर्षा, तपन भी,
ज़िंदगी का हर दिवस मधुमास हो ऐसा नहीं।
(२)
है व्यथित विश्वास लेकिन तुम नहीं आए।
प्रेमपूरित प्यास लेकिन तुम नहीं आए।
हँस रहे हैं सुमन पुलकित वाटिका है,
आ गया मधुमास लेकिन तुम नहीं आए।
९ फरवरी २००९ |