अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में राजीव कुमार श्रीवास्तव
की रचनाएँ—

अंजुमन में-
यकीन

गीतों में-
मृगतृष्णा
विजय गान

छंदमुक्त में-
प्रतीक्षा
मेरा जीवन
सपने
स्मृतियाँ
 

प्रतीक्षा

मेरी जिन्दगी की चादर
जो अभी तक पूरी नहीं बुनी जा सकी है
उस पर अनेक रंगों का प्रयोग
मैं कर रहा हूँ
ताकि कुछ अच्छे डिजाइनों का निर्माण
उस पर हो सके
जो लोगों द्वारा पसन्द किये जाएँ
और जिनकी बाजार में माँग हो
पर मेरे काँपते हाथ
मेरा साथ नहीं दे रहे
और इन डिजाइनों में
अजीब कुरूपता
और भौंडापन आता जा रहा है
मेरी कोशिश फिर भी जारी है
इस विश्वास के साथ
कि ये कुरूपता ही
एक नई आकृति का सृजन करेगी
जो लोगों को सम्मोहित करने में
कामयाब होगी
उस दिन मेरी आकांक्षाएँ जश्न मनाएँगी
जब मेरी चादर
तैयार होकर बिकने लायक हो जाएगी
और बाजार में
उसकी अच्छी कीमत दी जाएगी ।

२४ अप्रैल २००३

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter