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अनुभूति में अजय निदान की रचनाएँ

कविताओं में-
आदमी
किसने बोया
पुरुष प्रश्नचिह्न
सार्थक आधार
मेरी प्रेरणा
क़ाबिल

 

मेरी प्रेरणा

मै निमंत्रण हूँ
तुम्हारे लिए
अपने रंगो से झलक रही
चमक का,
तुम्हारे विश्वास की
उस हद का
जहाँ से तुम्हें
अपनी मंज़िल के रास्ते मिलते हैं
पहचान के लिए,
उस जगह को भी
मेरी पहचान के जैसा ही
तराश कर,
और भी
खूबसूरत बना देना ही
मेरा मकसद है
ऐसी मेरी प्रेरणा।

२१ अप्रैल २००८

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