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अनुभूति में रघुवीर सहाय की रचनाएँ-

कविताओं में-
अधिनायक
दुनिया
पढ़िए गीता
नशे में दया
बसंत
बसंत आया
भला

लघु रचनाओं में
अगर कहीं मैं तोता होता
चांद की आदतें
बौर
पानी के संस्मरण
प्रतीक्षा

क्षणिकाओं में
वसंत
चढ़ती स्त्री
अँग्रेज़ी
दृश्य(१)
दृश्य(२)

संकलन में
धूप के पाँव- धूप
वर्षा मंगल - पहला पानी

  भला

मैं कभी-कभी कमरे के कोने में जाकर
एकांत जहाँ पर होता है,
चुपके से एक पुराना काग़ज़ पढ़ता हूँ,

मेरे जीवन का विवरण उसमें लिखा हुआ,
वह एक पुराना प्रेम-पत्र है जो लिखकर
भेजा ही नहीं गया, जिसका पानेवाला,
काफी दिन बीते गुज़र चुका।

उसके अक्षर-अक्षर में हैं इतिहास छिपे
छोटे-मोटे,
थे जो मेरे अपने, वे कुछ विश्वास छिपे,
संशय केवल इतना ही उसमें व्यक्त हुआ,
क्या मेरा भी सपना सच्चा हो सकता है?
जैसे-जैसे उसका नीला काग़ज़ पड़ता जाता फीका
वैसे-वैसे मेरा निश्चय, यह पक्का होता जाता है
प्रत्याशा की आशा में कोई तथ्य नहीं
उत्तर पाकर ही पाऊँगा कृतकृत्य नहीं
लेकिन जो आशा की,
जो पूछे प्रश्न कभी
अच्छा ही किया उन्हें जो मैंने पूछ लिया।

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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