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अनुभूति में डॉ. हरदीप संधु की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
गधा कौन
मिट्टी का घरौंदा
मेरे गाँव की फिरनी
रब न मिला

हाइकु कविता

हाइकु में-
सात हाइकु

 

मिट्टी का घरौंदा

पैरों पर
मिट्टी थप- थपाकर
छोटा सा एक घरौंदा
कभी बनाना
कभी तोड़ देना

जब दिल करता
हँसना-गाना
मौज मनाना
कभी -कभी रो देना
याद आता है
आज फिर वही
वो तुतलाता बचपन
वो बेफ़िक्री
वो भोलापन !

 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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