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सचिन श्रीवास्तव

नौवें दशक के शुरुआती साल में आँख खुली। गैर कांग्रेसी सरकार की हुकूमत में पहली बार बाहरी दुनिया से साबका पडा और ग्लोबल होती दुनिया में सफर शुरू किया।

बुंदेलखंड के एक कस्बे ओंडेर से शुरू हुआ सफ़र. अशोकनगर (मध्यप्रदेश), मुंगावली (मध्यप्रदेश) की गलियों मॆं भटकते हुए भोपाल पहुँचा जहाँ बंजारा मिजाजी का सलीका सीखा और जालंधर, दिल्ली, ज़यपुर, गुना, सागर, बिलासपुर, उदयपुर, जबलपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, मेरठ, लुधियाना की धूल फांकने के बीच रांची में कुछ सुकून के पल बिताए।

अखबारों की नौकरियां करते हुए दुनिया के साथ की जा रही बदतमीजियाँ देखीं और अब जब आधी जिंदगी गुजर गई, तो लगता है कि जब भी जी चाहेगा दुनिया बदल देंगे, सिर्फ कहने के लिए बात बडी है यारो!

ईमेल- chefromindia@gmail.com

 

अनुभूति में सचिन श्रीवास्तव की रचनाएँ

छंदमुक्त में—
इस समय- चार कविताएँ
कसैली संभावना
तकरीबन आख़िरी
नीयत तुम्हारी नियति हमारी
मकान जो कहीं नहीं है
माफी
लफ़्ज़
सच से बड़ी उम्मीद

 


 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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