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 चंद्रभान भारद्वाज

जन्म- ४, जनवरी, १९३८ को गोंमत (अलीगढ) (उ.प्र.)

कार्यक्षेत्र-
१९७० से अनवरत रूप से ग़ज़ल लेखन में संलग्न। गजल संग्रहों के अतिरिक्त देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में तथा आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण।

प्रकाशित कृतियाँ-
ग़ज़ल संग्रह-
पगडंडियाँ, शीशे की किरचें, चिनगारियाँ और हवा आवाज़ देती है। 

ई मेल- chandrabhanbhardwaj.4@gmail.com

 

अनुभूति में चंद्रभान भारद्वाज की रचनाएँ -

नई रचनाएँ-
नहीं मिलते
मैं एक सागर हो गया
राह दिखती है न दिखता है सहारा कोई
हर किरदार की अपनी जगह

अंजुमन में-
अधर में हैं हज़ारों प्रश्न
आदमी की सिर्फ इतनी
उतर कर चाँद
कदम भटके
कागज पर भाईचारे
कोई नहीं दिखता
खोट देखते हैं
गगन का क्या करें
जब कहीं दिलबर नहीं होता
ज़िन्दगी बाँट लेंगे
गहन गंभीर
तालाब में दादुर
दुखों की भीड़ में
नाज है तो है
नदी नाव जैसा
पीर अपनी लिखी
फँसा आदमी
मान बैठे है
रात दिन डरती हुई-सी

रूप को शृंगार
सत्य की ख़ातिर
सिमट कर आज बाहों में

संकलन में- होली पर

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