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अनुभूति में अभिषेक कुमार सिंह की रचनाएँ-

अंजुमन में-
कभी आँसू कभी मुस्कान
डूब गया
बख़ूबी जानते हैं ये

मिट्टी चाहे दोमट
सफर

 

कभी आँसू कभी मुस्कान

कभी आँसू कभी मुस्कान होना
कहाँ आसान है इंसान होना

अगर होना तुम्हारा लाज़िमी हो
कभी मीरा कभी रसखान होना

समझना चाहते हैं प्यार को जो
वो पहले सीख लें नादान होना

अगर रोका गया फिर से हवा को
तो इसका तय है अब तूफान होना

हमें हैरान कर देता है उनका
हमें यों देखकर हैरान होना

सफर का ये तो बस पहला पहर है
अभी से क्यों भला हलकान होना

१ फरवरी २०१९

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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