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शुभ दीपावली

अनुभूति पर दीपावली कविताओं की तीसरा संग्रह
पहला संग्रह
ज्योति पर्व
दूसरा संग्रह दिए जलाओ

दीप का संदेश सुनो तुम

आओ हम करें मंगल कामना
द्वेष तम मिटाने की मधु-गीत सी
नई किरण आशा की जगाने की
रोशन हो जाये मन का कोना
दिये के नेह से धरा पर प्रेम सरसे
बाँटे हम ऐसा उजियारा जग में
बोध सभी को हो जाये स्वर्णिम लौ का
दीपक न करें तम को मुक्त केवल
कण कण से हर लें चादर अज्ञान की
मिट जाये तिमिर मनुज का ह्रदय में
जग आलोकित हो जाये कर दे उदय
दिशा दिशा उत्सव का सूरज

डॉ सरस्वती माथुर
9 नवंबर 2007

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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