जंगल में मन रही दिवाली
कितनी सुंदर बड़ी निराली।
शेरु राजा ने मांदों पर
टाँगी झालर दीप जलाए
और शेरनी ने भी सबको
खील-बताशे खूब खिलाए
हाथी दादा ने लड्डू की
पूरी थाली चट कर डाली।
जंगल में मन रही दिवाली।।
मीकू बंदर डाली पर चढ़
चला रहा देखो फुलझड़ियाँ
लोमड़ ने भोंदू की दुम में
बाँध जला दी बम की लड़ियाँ
भोंदू भागा फिरता डरकर
ढेंचू-ढेंचू देकर गाली।
जंगल में मन रही दिवाली।।
-निशेष जार
16 अक्तूबर 2006
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