सजाओ अल्पना कि दिवाली आई है
जलाओ दीये कि दिवाली आई है
अँधकार के पुजारी ठोकर खाएँगे
उन्हें रास्ता दिखाओ कि दिवाली आई है।
पतिंगे जल-जल मरेंगे, आँधी में लौ टिमटिमाएगी
घर घर दीये जलेंगे, आँधी भी क्या कर पाएगी
सजाओ अल्पना कि दिवाली आई है
जलाओ दीये कि दिवाली आई है
तम को भगाने, तमस को भगाने
भेदभाव औ दूरियाँ मिटाने दिवाली आई है
सजाओ अल्पना कि दिवाली आई है
जलाओ दीये कि दिवाली आई है
हमारी आस्था का आयाम दिवाली है,
मैत्री और खुशहाली का पयाम दिवाली है
सजाओ अल्पना कि दिवाली आई है
जलाओ दीये कि दिवाली आई है
प्रकाश तो रहेगा, मिठास भी रहेगी
दिलवाले भी रहेंगे, दिवाली भी रहेगी
सजाओ अल्पना कि दिवाली आई है
जलाओ दीये कि दिवाली आई है
- मथुरा कलौनी
16 अक्तूबर 2006
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