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शुभ दीपावली

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दूसरा संग्रह दिए जलाओ

दीपमाला

आज घर-घर छा रहा उल्लास!

भर हृदय में प्रीत
मधु मदिर संगीत
आज घर-घर दीपकलिका वास!

नव सुनहरा गात
जगमगाती रात
आज घर-घर जा लुटाती हास!

कर रमन शृंगार
भर उमंग विहार
आज घर-घर दीप-माला रास!

--महेन्द्र भटनागर
२० अक्तूबर २००८

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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