शुभता साहस शीलता रखिए शुद्ध विचार।
भजन कीजिए पाइए दीप तुल्य उजियार।।
दीप तुल्य उजियार रमा की अस्तुति कीजे
पाइय परम प्रसादमोद मन में भर लीजे
वरदायिनि माँ से वर पाएँ तजि लोलुपता
लीजे परमानंद 'विकल' मत तजिये शुभता।।
-जगदीश प्रसाद सारस्वत 'विकल तैयब'
16 अक्तूबर 2006
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