दिवाली भगवान राम के
वनवास से
लौटने की खुशी में मनाई जाती है
किंतु दिवाली के दिन
राम की
कोई बात की नहीं जाती है
गणेश लक्ष्मी को पूछा जाता है
बही खातों की पूजा की जाती है
दियों से, राम की
आरती नहीं
घर और दूकान चमकाए जाते हैं
पूरी और पकवान राम के लिए नहीं
केवल अपनों के लिए ही बनाते हैं
खील बतासे खाँड़ के
खिलौने
हटरी और सठरी सजाए जाते हैं
चारों तरफ़ खुशियाँ मनाई जाती हैं
राम के कोई गीत गाए नहीं जाते हैं
दिवाली के दिन मंदिर
नहीं जाते
ताशों की महफ़िल जमाई जाती है
अब बताइए कैसे कहें कि दिवाली
राम के आगमन के लिए आती है
हरि बिंदल
9 नवंबर 2007