त्योहार है दीवाली का
सुख समृद्धि और खुशहाली का।
बुराई के राक्षस को मन से भगाएँ
हृदय में शांति का दीपक जलाएँ
दीन दुखियों को गले लगाएँ
उनके जीवन मे प्रकाश जगाएँ
प्रेम भाईचारे और ज़िंदादिली का
त्योहार है दीवाली का
सुख समृद्धि और खुशहाली का।
पटाखे व बम त्याग कर
प्यार की फुलझाड़ियाँ जलाएँ
आपस के भेदभाव भूलकर
एक दूसरे को गले लगाएँ
उन्नति का हरियाली का
त्योहार है दीवाली का
सुख समृद्धि और खुशहाली का।
- असीम नाथ त्रिपाठी
1 नवंबर 2007