अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

na[- hvaa 
]dIyamaana rcanaakaraoM ko stMBa maoM [sa baar p`stut hO , yaU esa e sao Aca-naa hirt kI kivataeM —

Aca-naa hirt

 


 

 

 

AnauBaUit maoM Aca-naa hirt kI rcanaaeM

nayaI kivataAaoM maoM
caah
tD,p
lao calaao mauJao maoro saaqaI

kivataAaoM maoM
Amar p`oma
ija,ndga,I
Qau`va tara

saMklana maoM
mamatamayaI–maaM ko ilayao
gaucCo Bar Amalatasa–gamaI- kI ek daophr
jyaaoit pva-–snaoh dIp

 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter